“कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…” वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले इन में इक रम्ज़ है जिस रम्ज़ का मारा हुआ ज़ेहन https://youtu.be/Lug0ffByUck